Wednesday 26 July 2017

पैग़ाम

अय हवा कभी उधर भी जाना, ये पैग़ाम देके आना
आँखे बिछाये कोई पलकें उठाये कोई
बैठा है रास्ते  में खोया है रास्ते  में 

Tuesday 25 July 2017

मुझे तुमसे प्यार क्यों है

तेरी  बातों  का मीठापन ,तेरी आँखों का भोलापन
तेरी अनकही  बातों का ,पैगाम तेरी आखों का
कभी ख़ुद  से पूछ लेना ,कभी ख़ुद ये जान लेना
मुझे  तुमसे प्यार क्यों है ,ये दबी सी चाह क्यों है  

Saturday 22 July 2017

चाहत

  
मेरे  दिलो दिमाग  में छाई हो इस तरहा ,
खुशबू  चमन में फूलों की फैली हो  जिस तरहा 

Monday 17 July 2017

दिया और बाती

चलो  गगन  में उड़े पँछी की  तरह ,
चलो पानी में  बहें धारा की तरह,
चलो  हवाओं  में घुलें  खुशबू  की तरह ,
चलो एक दूजे में मिलें दिया बाती की तरह

Friday 14 July 2017

गुमसुम नज़रें




ये नज़रें सब कह देती  हैं 
ये  पलकें सब सह लेती हैं 
जुवां  नहीं  इनकी पर  ये 
सब  कुछ  कह  देती  हैं 

Thursday 13 July 2017

एहसास


ये झोंका आया है, तेरा पैगाम लाया है┃ 
किसी के आने का एहसास लाया है ┃